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pawan bhia poto

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लौकी and आलू

                     लौकी लौकी खाने के फायदे जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान आमतौर पर लोग लौकी खाने से बचते हैं. कुछ को इसका स्वाद पसंद नहीं होता है तो कुछ को ये पता ही नहीं होता है कि ये कितनी फायदे की चीज है . कई जगहों पर लौकी को घीया के नाम से भी जाना जाता है. लौकी की सबसे अच्छी बात ये है कि ये बेहद आसानी से मिल जाती है. इसके अलावा लौकी में कई ऐसे गुण होते हैं जो कुछ गंभीर बीमारियों में औषधि की तरह काम करते हैं. आमतौर पर लोग लौकी खाने से बचते हैं. कुछ को इसका स्वाद पसंद नहीं होता है तो कुछ को ये पता ही नहीं होता है कि ये कितनी फायदे चीज है.   अगर आपको भी ये लगता है कि लौकी खाने से कोई फायदा नहीं है तो आपको बता दें कि ऐसा नहीं है. लौकी एक बेहद फायदेमंद सब्जी है , जिसके इस्तेमाल से आप कई तरह की बीमारियों से राहत पा सकते हैं. लौकी खाने के फायदे: 1. वजन कम करने में मददगार   कुछ ही लोगों को ये पता होगा कि लौकी खाने से वजन कम होता है. आपको शायद इस बात पर यकीन न हो लेकिन किसी भी दूसरी चीज की तुलना में   लौकी ज्यादा तेजी से वजन क

विशेषण

विशेषण क्या होता है : जो शब्द संज्ञा और सर्वनाम की विशेषता बताते हैं उसे विशेषण कहते हैं। अथार्त जो शब्द गुण , दोष , भाव , संख्या , परिणाम आदि से संबंधित विशेषता का बोध कराते हैं उसे विशेषण कहते हैं। विशेषण को सार्थक शब्दों के आठ भेदों में से एक माना जाता है। यह एक विकारी शब्द होता है। जो शब्द विशेषता बताते हैं उन्हें विशेषण कहते हैं। जब विशेषण रहित संज्ञा में जिस वस्तु का बोध होता है विशेषण लगने के बाद उसका अर्थ सिमित हो जाता है। जैसे   :- बड़ा , काला , लम्बा , दयालु , भारी , सुंदर , कायर , टेढ़ा – मेढ़ा , एक , दो , वीर पुरुष , गोरा , अच्छा , बुरा , मीठा , खट्टा आदि। विशेषण के   उदाहरण :- (i) आसमान का रंग नीला है। (ii) मोहन एक अच्छा लड़का है। (iii) टोकरी में मीठे संतरे हैं। (iv) रीता सुंदर है। (v) कौआ काला होता है। (vi) यह लड़का बहुत बुद्धिमान है। (vii) कुछ दूध ले आओ। (viii) पांच किलो दूध मोहन को दे दो। (ix) यह रास्ता लम्बा है। (x) खीरा कडवा है। (xi) यह भूरी गाय है। (xii) सुनीता सुंदर लडकी है। विशेष्य क्या होता है :-   जिसकी विशेषता बताई जाती है उसे विशेष्य कहते हैं

संज्ञा

                                                    संज्ञा किसी जाति , द्रव्य , गुण , भाव , व्यक्ति , स्थान और क्रिया आदि के नाम को   संज्ञा   कहते हैं। जैसे पशु (जाति) , सुंदरता (गुण) , व्यथा (भाव) , मोहन (व्यक्ति) , दिल्ली (स्थान) , मारना (क्रिया)। संज्ञा के भेद हैं- ·          जातिवाचक संज्ञा ·          व्यक्तिवाचक संज्ञा ·          भाववाचक संज्ञा जातिवाचक संज्ञा जिस संज्ञा शब्द से किसी व्यक्ति , वस्तु , स्थान की संपूर्ण जाति का बोध हो उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे - मनुष्य , नदी , पर्वत , पशु , पक्षी , लड़का , कुत्ता , गाय , घोड़ा , भैंस , बकरी , नारी , गाँव , शहर आदि व्यक्तिवाचक संज्ञा केवल एक व्यक्ति , वस्तु या स्थान के लिये जिस नाम का प्रयोग होता है , उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं।जैसे -अमेरिका , भारत चीन सीरीया। भाववाचक संज्ञा जिस संज्ञा शब्द से पदार्थों की अवस्था , गुण-दोष , धर्म आदि का बोध हो उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे - बुढ़ापा , मिठास , बचपन , मोटापा , चढ़ाई , थकावट आदि। कुछ विद्वान अंग्रेज़ी व्याकरण के प्रभाव के कारण संज